आधुनिक बिहार
फर्रुखसियर के शासनकाल (1713 ई.-1719 ई.) में बिहार के सूबेदार के रूप में शहजादा मिर्जा अहमद को नाममात्र के अधिकार दिए गए और बंगाल के नाजिम शुजाउद्दीन को उसका सहायक नियुक्त किया गया। शुजाउद्दीन ने बिहार का प्रशासन चलाने के लिए नवाब अलीवर्दी खां को उप-नवाब या नायब नाजिम नियुक्त किया। मार्च, 1739 में शुजाउद्दीन की मृत्यु के बाद अलीवदीं खां ने गीरिया के युद्ध में शुजाउद्दीन के राजवंशों को हराया तथा 1740 में उसने मुर्शीद कुली के वंशज सरफराज खां को विस्थापित कर बंगाल पर भी प्रत्यक्ष अधिकार कर लिया।
- बिहार में प्रशासन को सुव्यवस्थित करने के पश्चात् अलीवर्दी खां ने अपने पोते सिराजुद्दौला को बिहार का नाममात्र का उपनवाब बनाया।
- सिराजुद्दौला द्वारा अलीवर्दी खाँ के खिलाफ किया गया विद्रोह वहां के तत्कालीन दीवान राजा जानकीराम के द्वारा विफल कर दिया गया।
- अलीवर्दी खां को 1733 ई. में बिहार का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था।
- राजा जानकीराम के पश्चात् रामनारायण को बिहार का दीवान बनाया गया।
- अलीवर्दी खां की 1756 में मृत्यु हो गई तथा सिराजुद्दौला बंगाल का नवाब बना।
- सिराजुद्दौला के प्रतिद्वन्द्वी और विरोधियों में प्रमुख थे पूर्णिया के नवाब शौकतजंग (चचेरा भाई), सिराज की मौसी घसीटी बेगम तथा उसका सेनापति मीरजाफर (अलीवर्दी का दामाद) आदि।
- अपने विरोधियों के दमन के क्रम में सिराजुद्दौला ने घसीटी बेगम को बंदी बना लिया तथा मीरजाफर के स्थान पर मीरमदान को सेनापति नियुक्त किया।
- अक्टूबर, 1756 ई में मनिहारी के युद्ध में सिराज ने शौकत को पराजित कर उसकी हत्या कर दी।
- 23 जून, 1757 को प्लासी नामक स्थान पर बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना के बीच ऐतिहासिक प्लासी का युद्ध (मुर्शिदाबाद) भागीरथी नदी के किनारे हुआ जिसमें सिराजुद्दौला की पराजय हुई और कंपनी का नेतृत्व कर रहे लॉर्ड क्लाइव
- की जीत हो गई।
- प्लासी के युद्ध के पश्चात् लॉर्ड क्लाइव ने मीरजाफर को बंगाल का नवाब नियुक्त किया और उसके साथ पटना आया।
- लॉर्ड क्लाइव ने मीरजाफर के पुत्र मीरन को बिहार का उप-नवाब नियुक्त किया, लेकिन वह नाममात्र का प्रशासक था, जबकि वास्तविक सत्ता बिहार के नायब नाजिम राजा रामनारायण के हाथों में थी।
- इलाहाबाद की संधि के बाद रॉबर्ट क्लाइव ने दो उप-दीवान नियुक्त किए। इनमें बंगाल के लिए मुहम्मद रजा खान एवं बिहार के लिए शिताब राय थे।
- अली गौहर (शाह आलम द्वितीय) ने 1760 में पटना में घेरा डाला, लेकिन कैप्टन नॉक्स के नेतृत्व में ब्रिटिश सेना ने उसे मार भगाया।
- अली गौहर का बिहार अभियान 1765 ई. में समाप्त हुआ।
- मुगल सम्राट आलमगीर द्वितीय की मृत्यु के बाद अली गौहर ने दिल्ली के सिंहासन पर अधिकार के लिए अंग्रेजों का सहयोग लिया।
- पटना में अंग्रेजों की फैक्ट्री में अली गौहर का राज्याभिषेक हुआ।
- 1760 ई. में मीरजाफर के स्थान पर मीरकासिम को बंगाल का नवाब बनाया गया। नवाब मीरकासिम ने अंग्रेजों के हस्तक्षेप से मुक्त रहने के उद्देश्य से अपनी राजधानी मुर्शीदाबाद से हटाकर मुंगेर में स्थापित की।
- मीरकासिम के स्वतंत्र आचरण से अप्रसन्न होकर कंपनी ने उसे नवाब पद से हटा दिया, इसके बाद मौरकासिम पटना पहुँचा तथा लखनऊ में अवध नवाब शुजाऊदौला और भगोड़े मुगल बादशाह शाह आलम || से मिलकर बक्सर युद्ध कि तैयारी की।
- 1764 ई. में अंग्रेजी सेना के साथ मीरकासिम, अवध के नवाब शुजाउद्दौला एवं भगोड़े मुगल शासक शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना की मुठभेड़ बक्सर में हुई, जो इतिहास में बक्सर युद्ध के नाम से जाना जाता है। सर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजों की सेना ने तीनों शासकों की संयुक्त सेना को पराजित किया।
- लॉर्ड क्लाइव ने 1765 ई. में बंगाल एवं बिहार के क्षेत्र में द्वैध शासन लागू किया।
- सर लियोनिल कार्टिस को द्वैध शासन का जनक कहा जाता है।
- इस समय बिहार का प्रशासन मिर्जा मोहम्मद कजीम खां (मीरजाफर का भाई) के पास था तथा उसकी सहायता के लिए एक उप सुबेदार धीरज नारायण (राजा रामनारायण का भाई) था।
- क्लाइव ने सितम्बर, 1765 में कजीम खां को पद से हटाकर उसके स्थान पर धीरज नारायण को नियुक्त किया।
- राजा रामनारायण और राजा शिताब राय बिहार के महत्वपूर्ण उप-प्रांतपतियों में से थे।
- पटना में स्थित अंग्रेजों की फैक्ट्री (व्यापारिक केंद्र) के मुख्य अधिकारी मिडलटन को राजा
- धीरज नारायण और राजा शिताब राय के साथ एक प्रशासन मंडली का सदस्य 1766 में नियुक्त किया गया।
- धीरज नारायण को 1767 में हटाकर शिताब राय को कंपनी द्वारा नायब दीवान बनाया गया
- तथा टॉमस रम्वोल्ड को पटना फैक्ट्री का मुख्य अधिकारी नियुक्त किया गया।
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