मुगल काल में बिहार
- भारत में मुगल वंश का संस्थापक बाबर था। 21 अप्रैल, 1526 ई. को बाबर ने पानीपत के मैदान में दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान इब्राहिमलोदी को बुरी तरह हरा दिया और उसकी हत्या कर मुगल साम्राज्य की नींव रखी।
- अपने साम्राज्य विस्तार के क्रम में बाबर ने मुहम्मद शाह के पुत्र जलाल खाँ को बिहार का प्रशासक नियुक्त किया।
- बाबर ने अपनी जीवनी तुजुक-ए-बाबरी या बाबरनामा तुर्की भाषा में लिखी थी।
- 1532 ई में हुमायूँ ने चुनार दुर्ग पर पहली बार आक्रमण किया। बिहार में नूहानियों की सत्ता का अंत तब प्रारम्भ हुआ, जब हुमायूँ ने 1532 ई. में दोहरा सराय में अफगानों को पराजित किया।
- 12 मार्च, 1576 को टोडरमल, मुजफ्फर खां एवं हुसैन अली खां ने मिलकर दाऊद को पराजित किया तथा बंगाल एवं बिहार को मुगल साम्राज्य में मिला लिया।
- शेरशाह के पश्चात् बिहार जिन अफगानों के नियंत्रण में रहा उनमें ताज खाँ करामानी, सुलेमान खाँ एवं दाउद खाँ करामानी के नाम शामिल हैं। इन शासकों ने 1580 ई. तक बिहार पर अपना कब्जा जमाये रखा।
- बिहार के क्षेत्र पर मुगल शासक अकबर ने 1574 ई. में आक्रमण किया। इस समय यहाँ का शासक दाउद खाँ था।
अकबर कालीन बिहार के प्रमुख सूबेदार
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खान-ए-खानम मुनीम खाँ
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राजा मान सिंह
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सईद खान
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मुजफ्फर खान
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असद खान
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खान-ए-आजम मिर्जा अजीज कोका
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- लगभग 1580 ई. के आस-पास मुगल सम्राट अकबर ने बिहार को मुगल साम्राज्य का सूबा अथवा प्रांत बना दिया तथा खान-ए-खानम मुनीम खाँ को बिहार का गवर्नर नियुक्त किया।
- मुगलों के अधीन बिहार सूबे को अनेक सरकारों तथा प्रत्येक सरकार को अनेक परगनों में विभक्त किया गया।
अकबर (1556-1605 ई.)
- 1582 ई. में अकबर के समय सात सरकार और 200 परगने थे।
- अकबरकालीन बिहार के मुगल प्रांतपतियों में राजा मान सिंह अत्यधिक प्रसिद्ध है, जिन्होंने 1587-94 के बीच बिहार में मुगल साम्राज्य को सुदृढ़ता प्रदान की।
- मान सिंह ने रोहतास को अपनी राजधानी बनाया।
- मान सिंह के बाद सईद खान 1594-98 ई. तक मुगल प्रांतपति बना रहा।
- अकबर ने मुगल साम्राज्य को 12 सूबों में विभाजित किया।
- खान-ए-आजम मिर्जा अजीज कोका को बिहार का गवर्नर नियुक्त किया गया।
- अकबर के शासन के अंतिम वर्षों में बिहार जहांगीर (सलीम) के विद्रोह से मुख्य रूप से प्रभावित हुआ।
- इस समय असद खान को बिहार के गवर्नर के पद से हटाकर आसफ खान को इस पद पर नियुक्त किया गया।
जहांगीर (1605-1627 ई.)
- मुगल शासक बनने के बाद जहांगीर ने लाल बेग उर्फ बाज बहादुर को बिहार का सूबेदार (प्रांतपति) नियुक्त किया।
- बाज बहादुर ने खड़गपुर के राजा संग्राम सिंह के विद्रोह को सफलतापूर्वक दबाया तथा दरभंगा में एक मस्जिद एवं एक नूरसराय नामक सराय का निर्माण कराया।
- यह सराय मेहरून्निसा (नूरजहां) के बंगाल से दिल्ली जाने के क्रम में यहां उसके रुकने के लिए निर्मित की गई थी।
जहांगीर कालीन बिहार के सूबेदार
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वर्ष
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नाम
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1605
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बाज बहादुर (लाल बेग)
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1607
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इस्लाम खान
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1608
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अफजल खान (अब्दुर्रहमान)
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1613
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जफर खान
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1615
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इब्राहिम खां काकर
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1617
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कुली खान द्वितीय
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1618
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मुकर्रब खान
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1621
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शहजादा परवेज
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1622
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खानेदुर्रान (बैरम बेग)
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1626
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मिर्जा रुस्तम सफाबी
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1627
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खान-ए-आलम
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1628
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सैफ खान
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- बाज बहादुर को जहांगीर ने कुली खान की उपाधि दी तथा 1607 ई. में बंगाल का गवर्नर बना दिया गया। इसके पश्चात् इस्लाम खान बिहार का सूबेदार बना।
- अबुल फजल का पुत्र अब्दुर्रहमान या अफजल खान 1608 ई. में बिहार का सूबेदार बना, जिसने कुतुब नामक एक फकीर के विद्रोह को सफलतापूर्वक दबा दिया।
- अफजल खान की 1613 ई में मृत्यु हो गई।
- नूरजहां के भाई इब्राहिम खां काकर को 1615 ई. में बिहार का सूबेदार नियुक्त किया गया।
- इब्राहिम खां काकर द्वारा पटना के समीप मनेर में 1616 ई में निर्मित मखदुम शाह दौलत का मकबरा बिहार में मुगल स्थापत्य का सर्वोकृष्ट उदाहरण है। इसमें अकबरकालीन समन्वित मुगल शैली के लक्षण स्पष्ट झलकते हैं।
- दो अस्पा एवं सिंह अस्पा प्रथा जहांगीर ने शुरू की थी।
- जहांगीर के समय 1621 ई. में शहजादा परवेज बिहार का सूबेदार या प्रांतपति (गवर्नर) बनने वाला पहला राजकुमार था। इसके बाद यह पद केवल राजकुमारों को ही दिया जाने लगा।
- शाहजहां (शहजादा खुर्रम) ने बादशाह जहांगीर के खिलाफ विद्रोह करके पटना, रोहतास इत्यादि क्षेत्र शहजादा परवेज से 1622-24 के दौरान छीन लिए तथा खानेदुर्रान (बैरम बेग) को बिहार का सूबेदार नियुक्त कर दिया।
- जहांगीर के शासनकाल में बिहार का अंतिम सूबेदार मिर्जा रूस्तम सफाबी (1626-27) था। इसके पश्चात् क्रमशः खान-ए-आलम और मिर्जा सफी सैफ खान बिहार में सूबेदार नियुक्त हुए।
- सैफ खान ने 1628-29 में पटना में एक मदरसे का निर्माण कराया, जिसे वर्तमान में भी सैफ खान का मदरसा कहा जाता है।
शाहजहाँ (1628-1658 ई.)
- मुगल शासक शाहजहाँ ने अपने शासन काल में अब्दुल्ला खान बहादुर फिरोज जंग को 1632 ई में बिहार का सूबेदार नियुक्त किया।
- फिरोज जंग भोजपुर के उज्जैनिया शासक राजा प्रताप के विद्रोह को दबाया तथा इसके राज्य
- को मुगल साम्राज्य के अधीन किया।
- अब्दुल्लाह खान के बाद शाहजहाँ ने मुमताज महल के भाई शाइस्ता खान को (1639-43) बिहार का सूबेदार नियुक्त किया।
- इसके पश्चात् आजम खान, जफर खान, जुल्फिकार खाँ (1656-57 ई.) बिहार के सूबेदार नियुक्त किए गए।
- शहजादा दारा के कहने पर शाहजहाँ ने 1657 ई. में अलीवर्दी खान को बिहार का सूबेदार नियुक्त किया जो शाहजहाँ की बीमारी के समय शहजादा शुजा का साथ देने लगा।
- शहजादा सुलेमान शिकोह एवं मिर्जा राजा जयसिंह के नेतृत्व में शाही सेना ने शहजादा शुजा को पराजित किया लेकिन सामूगढ़ के युद्ध में औरंगजेब ने शहजादा दारा को पराजित करके शहजादा शुजा को बिहार सौंप दिया।
- इतिहासकार डॉ. ए.एल. श्रीवास्तव ने अपनी पुस्तक ‘मुगलकालीन भारत’ में शाहजहां के शासनकाल को मुगलों का स्वर्ण युग माना है।
औरंगजेब (1658-1707 ई.)
- मुगल बादशाह औरंगजेब ने दाउद खां कुरैशी (1659-64 ई) को बिहार का सूबेदार नियुक्त किया।
- औरंगजेब के समय गया जिले में दाउदनगर (वर्तमान में औरंगाबाद जिला) नामक शहर बसाया गया तथा पटना में दारूलअदूल (Court of Justice) का निर्माण हुआ।
- दाउद खां के बाद 1665 ई. में लश्कर खां. बिहार का सूबेदार बना।
- इसी समय बिहार में फ्रांसीसी यात्री बर्नियर आया, जिसने पटना को भारत के सबसे बड़े शहरों में से एक माना था।
- इसी दौरान बिहार में भयंकर अकाल पड़ा, जिसका उल्लेख ब्रिटिश यात्री जॉन मार्शल एवं डच यात्री डी. ग्रफी ने किया है।
- औरंगजेब के तीसरे पुत्र शहजादा आजम को 1677 ई. में कुछ समय के लिए बिहार की सूबेदारी मिली तथा उसके बाद मिर्जा फकीरूल्लाह उर्फ सैफ खां बिहार का सूबेदार बना, जिसके शासनकाल में पटना स्थित अंग्रेज फैक्ट्री लूटी गई थी।
- औरंगजेब ने 1702 ई. में अपने प्रिय पौत्र शहजादा अजीम को बिहार का सूबेदार नियुक्त किया। अजीम ने पटना का पुनर्निर्माण करा कर इसका नया नाम अजीमाबाद रखा।
- उत्तरवर्ती मुगल शासक बहादुर शाह ने शहजादा अजीमुशान को बिहार का सूबेदार नियुक्त किया और फर्रूखसियर को बंगाल में नायब का पद प्रदान किया।
- फर्रूखसियर वापस 1711 ई. में बंगाल से बिहार चला आया।
- फर्रुखसियर पहला मुगल बादशाह था जिसका बिहार की राजधानी पटना (अजीमाबाद) में 1713 ई. में राज्याभिषेक हुआ।
- सूबेदार फखरूद्दौला ने छोटानागपुर, पलामू एवं जगदीशपुर के उदवंत सिंह के विरुद्ध सैन्य अभियान चलाया।
- फखरूद्दौला ने पटना के ख्वाजा कला में दारूल अदल नामक मस्जिद का निर्माण किया।
- फर्रूखसियर के शासनकाल में बिहार पर बंगाल के नवाबों का प्रभुत्व स्थापित हो गया था फिर भी बंगाल के नवाब ने बिहार, बंगाल और उड़ीसा के क्षेत्रों का प्रत्यक्ष प्रशासन 1733 ई में ग्रहण किया।
- मध्यकाल में पटना, बिहारशरीफ और भागलपुर बिहार में फारसी शिक्षा के मुख्य केंद्र थे।
- बिहारशरीफ स्थित मलिक इब्राहिम का मकबरा मुगल शैली में है।
- ऐतमादुद्दौला का मकबरा नूरजहां ने 1622-28 ई. के बीच अपने पिता की मृत्यु के बाद बनवाया। यह आगरा में स्थित है। यह पहली कृति है, जो पूर्णतया संगमरमर से बनी है। इसमें सजावट की ‘पित्रादुरा शैली’ का प्रयोग किया गया है। इसे ताजमहल का पूर्वगामी भी माना जाता है।
- अजीम-उश-शान के पुत्र फर्रुखसियर का जन्म पटना में हुआ था।
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